love shayari
सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे…..
हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघर रह जाएँगे.…..
बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन
मन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तन चंदन
इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन
पागल हो जाने का भी गजब फायदा है साहेब,
लोग पत्थर तो उठाते है मगर उँगली नही।
याद कर लेना मुझे तुम
कोई भी जब पास न हो
चले आएंगे इक आवाज़ में
भले हम ख़ास न हों.
सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे….
हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघर रह जाएँगे.…..
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है;
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है;
देकर वो आपकी आँखों में आँसू;
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।..
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है,....
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है ...
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
ये मत सोचो की तुम छोड़ दोगे तो हम मर जायेंगे
वो भी जी रहे हैं जिनको तेरी खातिर हमने छोड़ा था !!
आज उस पगली कि बहुत याद आ रही है यारो
जो 12th_ CLass मेँ कहा करती थी
ये ले कमीने padh ले
Verna
तु मार खाऐगा और मुझसे देखा नहीँ जायेगा...
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का.... बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ....!!
आओ ले चलें इश्क को वहाँ तकजहाँ फिर से कोई कहानी बने जहाँ फिर कोई गालिब नज्म़ पढे फिर कोई मीरा दिवानी बने !!
जब दिल ही काला हो,
तो खुबसूरत चेहरों का क्या करना
खामोशी से भी
नेक काम होते हैं...,
मैंने देखा है पेङों को,
छाँव देते हुए.
उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती....!!
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता जितना एक बार महबूब के गले लग कर मिलता है....!!
कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है.... सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है....!!
मेरी बात सुन #पगली अकेले #हम ही शामिल नही है इस #जुर्म में.... #जबनजरे मिली थी तो #मुस्कराईतू भी थी.
आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की !
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं मेरी बुराई ना सुन सके !!
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